कुंडली के अष्टम भाव में चंद्रमा का प्रभाव

कुंडली के अष्टम भाव में चंद्रमा का प्रभाव

1)कुंडली के अष्टम भाव में चंद्रमा का प्रभाव जानने से पहले सर्वप्रथम हम चंद्रमा और अष्टम भाव के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

2) अष्टम भाव मृत्यु भाव के रूप में जाना जाता है, यदि बली चंद्रमा अष्टम भाव में अवस्थित हो जातक की आयु अच्छी होती है। लेकिन यदि अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा कमजोर हो तब जातक मध्यम आयु या अल्पायु का हो सकता है। अष्टम भाव का चंद्रमा बालारिष्ट योग दोष का निर्माण करता है। जातक दुबला पतला और कमजोर कद काठी का हो सकता है।

3) चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है। अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक के आत्मविश्वास में कमी करता है। जातक मानसिक परेशानी से घिरा रह सकता है । उसके मन में अनिश्चित भय हो सकता है। जातक बुद्धिमान होगा पर अपने भय पर काबू न रख पाने के कारण परेशान रहेगा और अपने मस्तिष्क का सदुपयोग नहीं कर पाएगा।

4) अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक के स्वास्थ्य को कमजोर करता है । अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को मानसिक परेशानी देता है क्योंकि चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। चंद्रमा एक जलीय तत्व का ग्रह है अतः अष्टम भाव में चंद्रमा जातक को कफ दोष दे सकता है। चंद्रमा हमारे पाचन तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अतः अष्टम भाव में चंद्रमा जातक के पाचन तंत्र को कमजोर कर सकता है जिसके कारण जातक पेट से संबंधित समस्या से पीड़ित रह सकता है। अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को आंतों से संबंधित समस्या दे सकता है । अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को फेफड़ों से संबंधित समस्या दे सकता है जिसके कारण जातक को श्वास लेने में दिक्कत हो सकती है । अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक की नेत्र शक्ति को कमजोर करता है। ओवरऑल अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा क्या रिजल्ट देगा, यह चंद्रमा की राशि और नक्षत्र पर डिपेंड करेगा।

5)चंद्रमा माता का कारक ग्रह है अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा माता के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है । जातक अपनी माता से अलगाव की स्थिति का सामना करेगा या जातक को अपनी माता का सुख कम होगा। जातक अपनी माता के स्वास्थ्य से परेशान रहेगा या जातक की माता की मृत्यु जातक के अल्प आयु अवस्था में ही हो सकती है।

6) चंद्रमा अष्टम भाव में जातक को दयालु बनाता है। साथ ही जातक आध्यात्मिक व्यक्ति होगा। जातक आराम से जिंदगी जीना पसंद करेगा।

7) अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को रूपवती पत्नी देता है जो बुद्धिमान और ज्ञानवान होगी। जातक को अपने व्यवहार के अनुकूल पत्नी प्राप्त होगी । यदि चंद्रमा अष्टम भाव में पीड़ित हो तब यह जातक के जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब कर सकता है।

8)चंद्रमा अष्टम भाव से अपनी पूर्ण दृष्टि द्वितिय भाव पर डालता है अतः जातक देखने में सुंदर और मीठा वचन बोलने वाला विद्वान व्यक्ति हो सकता है ।जातक हंसमुख प्रवृत्ति का होगा लेकिन कभी-कभी यह जातक को अपमानजनक स्थिति और जग हंसाई का सामना करवा सकता है।

9)अष्टम भाव विरासत और पैतृक संपत्ति का भाव है । अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को विरासत या पैतृक संपत्ति के रूप में अच्छा धन दिलवाता है । साथ ही यह माता के द्वारा भी धन दिला सकता है।

10) अष्टम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को जीवन के अंतिम पड़ाव पर अच्छा नाम और प्रसिद्धि साथ ही उत्तम भाग्य देने में सक्षम होता है। जातक विदेश में सफलता या विदेशियों के द्वारा सफलता प्राप्त कर सकता है। जातक यात्रा प्रिय होगा लेकिन यात्रा के दौरान जातक को बहुत सारी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

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