कुंडली के दशम भाव में केतु का प्रभाव
1)कुंडली के दशम भाव में केतु के प्रभाव को जानने के लिए सर्वप्रथम हम केतु और दशम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे
2) दशम भाव जातक के प्रोफेशन से संबंधित होता है। दशम भाव में स्थित केतु के कारण जातक का प्रोफेशन उतार चढ़ाव से परिपूर्ण होता है। अपने जीवन में कई प्रकार के प्रोफेशन करता है। जातक का प्रोफेशनल लाइफ परेशानियों से भरा होता है। जातक अपने प्रोफेशन से संतुष्ट नहीं होता है। यदि दशम भाव में स्थित केतु शुभ स्थिति में हो तब बुरे प्रभाव कम होते हैं।
3) दशम भाव में स्थित केतु के कारण जातक का पारिवारिक जीवन परेशानियों से भरा हो सकता है। जातक को पारिवारिक सुख कम हो सकता है। जातक अपने परिवार को लेकर मानसिक तनाव का अनुभव कर सकता है।
4) दशम भाव जातक के सामाजिक इमेज को भी बताता है। अतः दशम भाव में स्थित केतु के कारण जातक दबंग व्यक्ति के रूप में पहचाना जा सकता है। जातक निर्भीक बहादुर और प्रसिद्ध व्यक्ति हो सकता है। लेकिन जातक का समाजिक आचरण अच्छा नहीं होगा। जातक रूखा और कठोर व्यवहार समाज की के लिए प्रदर्शित करेगा।
5) दशम भाव में स्थित केतु के कारण जातक चतुर और स्वार्थी प्रवृत्ति का व्यक्ति हो सकता है। जातक अपनी चतुराई का इस्तेमाल अनुचित और नीच कार्यों में कर सकता है। यदि दशम भाव में स्थित केतु शुभ स्थिति में हो तब जातक अपने अंदर की अंतर्ज्ञान की शक्ति के द्वारा समाज की भलाई करेगा।
6) दशम भाव में शुभ स्थिति में स्थित केतु जातक धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में सफलता दिलाता है। जातक गरीब और निम्न तबके के लोगों के लिए सामाजिक कार्य करने का प्रयास करेगा।
7) दशम भाव में स्थित केतु के कारण जातक अपनी पैतृक संपत्ति के हानि का सामना कर सकता है जातक अपने परिवार और माता पिता के लिए बदनामी का कारण हो सकता है।