कुंडली के दशम भाव में मंगल का प्रभाव
1) कुंडली के दशम भाव में मंगल का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम दशम भाव और मंगल के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) मंगल को दशम भाव में नैसर्गिक दिग्बल प्राप्त होता है। साथ ही मंगल काल पुरुष की कुंडली में दशम भाव में उच्च का होता है। दशम भाव में स्थित मंगल उत्तम फल देता है। मंगल शक्ति का कारक ग्रह है, अतः जातक शारीरिक रूप से और बहादुर होगा। जातक कार्यवाही में विश्वास रखने वाला व्यक्ति होगा। जातक ऊर्जावान होगा और किसी भी प्रकार के बहादुरी से पूर्ण कार्य को करने में सक्षम होगा। जातक समाज में एक पावरफुल व्यक्ति माना जाएगा।
3) दशम भाव प्रोफेशन का भाव होता है, मंगल सैन्य बल, पुलिस इत्यादि का कारक होता है। दशम भाव में स्थित मंगल जातक को सैनिक पुलिस सिक्योरिटी से संबंधित संस्थान इत्यादि में नौकरी दिला सकता है। जातक किसी प्रकार की सरकारी या प्रशासनिक या एमसी में एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट में काम कर सकता है। जातक डॉक्टर जैसे सर्जन या इंजीनियर हो सकता है।
4) दशम भाव में स्थित मंगल के कारण जातक अपने खुद के मेहनत और अच्छे अच्छा धन अर्जित करता है। जातक प्रॉपर्टी से यह रियल स्टेट से धन कपास कमा सकता है। जातक हमेशा अपने कंपटीटर से आगे रहेगा या रहने की कोशिश करेगा। जातक अपने प्रोफेशन में सफलता प्राप्त करेगा।
5) जातक अपने समाज में दबंग व्यक्ति के रूप में जाना जा सकता है। उसकी प्रसिद्धि अच्छी होगी । जातक को अपनी प्रशंसा सुनने में अच्छी लगती होगी। जातक ऊर्जावान होने के कारण किसी भी प्रकार का निडर कार्य कर सकता है जातक अपने अद्भुत और डेरिंग एक्ट के लिए प्रसिद्धि प्राप्त करेगा।
6) जातक को सभी प्रकार के सांसारिक सुख मिलेंगे और जातक को पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। जातक मानसिक परेशानी से घिरा रह सकता है। यदि मंगल पीड़ित हो तो जातक ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान रह सकता है। पिड़ित मंगल के कारण जातक अपने प्रोफेशनल लाइफ में सरकार या पुलिस या किसी पावरफुल व्यक्ति के प्रताड़ना का शिकार हो सकता है।