कुंडली के द्वादश भाव में बुध का प्रभाव
1)कुंडली के द्वादश भाव में बुध के प्रभाव को जानने के लिए सर्वप्रथम हम द्वादश भाव और बुध के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) बुध को वाणी का कारक ग्रह माना जाता है, और द्वादश भाव व्यय भाव होता है। अतः द्वादश भाव में स्थित बुध जातक को एक अच्छा वक्ता बनाता है। लेकिन यदि बुध किसी अच्छे प्रभाव में ना हो तब जातक वाचाल हो सकता है और बेवजह की बातें में उलझा हुआ रहता है। यदि बुध पीड़ित हो तब जातक अपनी वाणी के द्वारा लोगों को हानि पहुंचाने का काम कर सकता है। साथ ही बुध बहुत ज्यादा पीड़ित हो तब जातक को वाणी दोष का सामना करना पड़ सकता है।
3) बुध को शिक्षा का कारक ग्रह। माना जाता है। अतः द्वादश भाव में स्थित बुध जातक को शिक्षा में परेशानी दे सकता है। जातक चतुर हो सकता है लेकिन वह बिना मतलब की अपनी चतुराई का प्रदर्शन करते रहता होगा।
4) बुध को मति का कारक ग्रह माना जाता है, द्वादश भाव में स्थित बुध के कारण जातक बहुत ज्यादा सोचने वाला व्यक्ति होगा। जातक का मस्तिष्क बेवजह की विचारों से परेशान रहेगा। जातक मानसिक रूप से अशांत तरह सकता है। जातक मानसिक परेशानी से घिरा रह सकता है। जातक अनिद्रा की समस्या से पीड़ित रह सकता है। जातक को साइकोलॉजिकल समस्या हो सकती है। जातक दार्शनिक विचारों वाला व्यक्ति हो सकता है।
5) द्वादश भाव व्यय भाव होता है, बुध व्यापार या ट्रेडिंग का कारक ग्रह है। द्वादश भाव में स्थित बुध जातक को व्यापार में नुकसान करवा सकता है। जातक कर्ज इत्यादि के कारण फाइनेंसियल समस्या से परेशान रह सकता है।
6) द्वादश भाव में स्थित बुध जातक को गलत कार्यों में लिप्त करवा सकता है। जातक अवैध संबंधों की ओर झुकाव रखने वाला हो सकता है । जातक अपने मन में दूषित विचार रखता होगा। जातक के अपने कार्यों के कारण अपमान का सामना करना पड़ सकता है।
7) द्वादश भाव अध्यात्म या मोक्ष का कारक भाव है। द्वादश भाव में स्थित बुध जातक को अध्यात्म की ओर झुकाव दे सकता है। जातक अपने धन को धार्मिक क्रियाकलापों में खर्च कर सकता है।
8) द्वादश भाव में स्थित बुध जातक की माता के लिए शुभ नहीं माना जाता है। जातक को अपनी माता से समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जातक की संतान की संख्या न्यून हो सकती है।
9) जातक नए विषयों में झुकाव रखने वाला व्यक्ति हो सकता है। जातक विदेशी भाषाओं में झुकाव रखने वाला व्यक्ति हो सकता है।