कुंडली के द्वितीय भाव में बुध का प्रभाव
1)कुंडली के द्वितीय भाव में बुध के प्रभाव को जानने के लिए सर्वप्रथम द्वितीय भाव और बुध के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) बुध को वाणी का कारक ग्रह माना गया है, अतः जातक को उत्तम वचन बोलने वाला व्यक्ति होगा। जातक उत्तम वक्ता होगा । वह बोलने में बुद्धिमान होगा । उसकी वाणी में मीठा पन होगा। वह उत्तम तर्कशक्ति से परिपूर्ण होगा। वह अपनी दार्शनिक विचारधारा प्रस्तुत करेगा। जातक एक उत्तम कवि या गायक हो सकता है। उसकी सीखने की क्षमता खासकर ओरल लर्निंग क्वालिटी बहुत ही उत्तम होगी। जातक उत्तम संस्कारों वाला व्यक्ति होगा।
3) बुध को ग्रहों में युवराज माना गया है। जातक देखने में सुंदर होगा । उसकी चेहरे पर नैसर्गिक चमक होगी। जातक की आंखें सुंदर होगी ।जातक के मुख पर नैसर्गिक रूप से दूसरों को आकर्षित करने की क्षमता होगी।
4) बुध को बुद्धिमता का कारक ग्रह माना जाता है, अतः द्वितीय भाव में स्थिति के कारण जातक अपने बुद्धि के दम पर धन अर्जित करेगा। जातक अपने बोली की शक्ति का इस्तेमाल धन अर्जित करने में करेगा, जैसे कविता पाठ, वक्ता , ज्योतिष और दूसरी वाणी से संबंधित कार्यों के द्वारा। जातक ट्रिक के द्वारा भी अर्जित कर सकता है।
5) बुध व्यापार का कारक है अतः द्वितीय भाव में स्थित बुध के कारण जातक व्यापार से धन अर्जित करेगा। जातक धनी होगा । जातक अपने धन को धार्मिक क्रियाकलापों में खर्च करेगा जातक खर्च करने में स्मार्ट होगा।
6) द्वितीय भाव में स्थित बुध के कारण जातक उत्तम परिवार से संबंध रखने वाला होता है। जातक को खाने पीने की कमी नहीं होगी।
7) द्वितीय भाव में स्थित बुध के कारण जातक बहुत ही कम उम्र से अपनी शिक्षा प्राप्त करना प्रारंभ कर देता है। जातक पढ़ाई में अच्छा होगा। द्वितीय भाव में स्थिति के कारण जातक कैलकुलेशन में एक्सपर्ट होता है।
8) द्वितीय भाव में स्थित बुध यदि राहु या चंद्रमा से पीड़ित हो तब जातक छल कपट में परिपूर्ण होता है जातक अच्छे संस्कारों वाला व्यक्ति नहीं होता है।