कुंडली के द्वितीय भाव में शुक्र का प्रभाव
1) कुंडली के द्वितीय भाव में शुक्र का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम कुंडली के द्वितीय भाव और शुक्र के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) कुंडली में द्वितीय भाव में स्थित शुक्र जातक को मधुर वचन बोलने वाला और प्रसन्न चित्त मस्तिष्क वाला व्यक्ति बनाता है। जातक की वाणी मधुर होगी अतः वह संगीत या गायन में उत्तम हो सकता है। जातक में एक अच्छा कवि बनने के गुण होंगे। जातक किसी भी मैटर को बातचीत कर और शांति पूर्वक समझाने में विश्वास रखता होगा। शुक्र के कारण द्वितीय भाव में स्थित शुक्र जातक की वाणी में कामुकता और स्नेह देता है।
3) जातक सुंदर चेहरे वाला और आकर्षक रूप रंग वाला व्यक्ति होगा। जातक के चेहरे पर नैसर्गिक चमक होगी। जातक अपनी उम्र से युवा दिखेगा। जातक की आंखें खूबसूरत होगी और उनकी आंखों में एक अजीब सी कशिश होगी, जिसके कारण विपरीत लिंग वाले जातक के प्रति नैसर्गिक रूप से आकर्षित होंगे। यदि शुक्र द्वितीय भाव में पीड़ित हो तब जातक को नेत्र से संबंधित समस्या दे सकता है।
4) शुक्र नैसर्गिक शुभ ग्रह है और धन का कारक ग्रह है द्वितीय भाव में स्थित शुक्र जातक को धनवान बनाता है। जातक लग्जरियस लाइफ स्टाइल जीना पसंद करेगा। जातक अपने धन के दम पर सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का उपभोग करेगा।
5) शुक्र वाहन का नैसर्गिक कारक ग्रह है, अतः द्वितीय भाव में स्थित शुक्र जातक को वाहन का सुख देता है। जातक वाहन से संबंधित कार्यों के द्वारा धन अर्जित कर सकता है। शुक्र स्त्री का नैसर्गिक कारक ग्रह है, अतः द्वितीय भाव में शुक्र के स्थित होने के कारण जातक को स्त्रियों से लाभ प्राप्त होता है। द्वितीय भाव में स्थित शुक्र जातक की फाइनेंसियल कंडीशन उत्तम बनाता है।
6) द्वितीय भाव में स्थित शुक्र अपनी दशा अंतर्दशा में जातक के फाइनेंसियल कंडीशन को इंप्रूव करता है। साथ ही जातक अच्छा धन अर्जित करता है।
7) शुक्र एक नैसर्गिक शुभ ग्रह है, अतः द्वितीय भाव में स्थित शुक्र जातक के परिवार के सुख के लिए उत्तम माना जा सकता है। जातक को अपने परिवार की सहायता मिलेगी जातक उत्तम और धनी फैमिली से संबंध रखता होगा। द्वितीय भाव में स्थित शुक्र, जातक को सुंदर और उत्तम जीवन साथी देता है। जातक को अपनी पत्नी से सभी प्रकार के सुख और कंफर्ट प्राप्त होंगे। जातक को उत्तम भोजन और उत्तम पेय प्राप्त होगा।