कुंडली के नवम भाव में चंद्रमा का प्रभाव
1) कुंडली के नवम भाव में चंद्रमा का प्रभाव और जानने के लिए सर्वप्रथम हम चंद्रमा और नवम भाव के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) नवम भाव भाग्य स्थान होता है यदि शुभ चंद्रमा नवम भाव में हो तब जातक भाग्यशाली, धनी और समृद्ध व्यक्ति होता है। जैसा कि हम जानते हैं कालपुरुष की कुंडली में चंद्रमा चतुर्थ भाव का स्वामी है, अतः यह नवम भाव में अवस्थित चंद्रमा के कारण, जातक को सभी प्रकार के सुख साधन और उपलब्ध होंगे। जातक के पास संपत्ति का सुख होगा। जातक अपने मित्रों रिश्तेदारों और परिवार की सहायता प्राप्त करेगा। जैसा कि हम जानते हैं चंद्रमा एक अनिश्चित प्रवृत्ति का ग्रह है, अतः जातक के भाग्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा या हम कह सकते हैं जातक का भाग्य एक समान नहीं रहेगा।
3) नवम भाव पिता का कारक भाव है, नवम भाव में स्थित चंद्रमा के कारण जातक का अपने पिता से भावनात्मक जुड़ाव होगा। जातक और उसके पिता के बीच अच्छे संबंध होंगे। जातक अपने पिता का आज्ञाकारी बेटा होगा। जातक अपने पिता और गुरु का आदर करेगा।
4) नवम भाव धर्म का स्थान होता है जब चंद्रमा नवम भाव में हो तब जातक अपने पारिवारिक धर्म और संस्कार का पालन करने वाला होता है। जातक अपने धर्म के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ाव रखने वाला होता है। वह मन से धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति हो सकता है। चंद्रमा एक जलीय ग्रह है अतः नवम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को धार्मिक यात्राएं करवाता है खासकर वैसे तीर्थ स्थान जो पवित्र नदियों और जलीय स्त्रोत के पास अवस्थित हो।
5) नवम भाव पंचम भाव का भावत भावम भाव है। अतः शुभ चंद्रमा नवम भाव में उत्तम संतान देता है। जातक को अपने संतान से उत्तम सुख प्राप्त होगा। पंचम भाव विद्या का भाव होता है और नवम भाव उच्चतर विद्या का भाव होता है। नवम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को अच्छी शिक्षा देगा। साथ ही जातक को धर्म का अच्छा ज्ञान होगा। साथ ही जातक वेद पुराण इत्यादि में निपुण होगा।
6) नवम भाव प्रसिद्धि का भाव होता है। नवम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को उत्तम नाम और प्रसिद्धि देता है। जातक अपने समाज में एक आदरणीय व्यक्ति होगा। जातक मानवता के और समाज के कल्याण के लिए तत्पर होगा जातक को जीवन में अच्छी सफलता मिलेगी।
7) नवम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को बहादुर और उत्तम मानसिक शक्ति वाला व्यक्ति बनाता है। जातक ज्ञानवान और चतुर होगा। जातक का झुकाव नृत्य और ललित कला में हो सकता है।
8)नवम भाव लंबी यात्रा का कारक भाव है चंद्रमा यात्रा का कारक ग्रह है। नवम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को छोटे समय के लिए लंबी यात्राएं करवाता है। जातक विदेश या जल के स्रोत के नजदीक अवस्थित शहरों की यात्रा कर सकता है।
9) नवम भाव में चंद्रमा यदि कमजोर हो तब यह नकारात्मक प्रभाव दे सकता है। यदि चंद्रमा शुभ हो और बोली हो तो निश्चित ही नवम भाव का चंद्रमा योगकारक होगा।