भरणी नक्षत्र
1) अंग्रेजी नाम- Arietis / Muscae
2) राशि स्थान – मेष राशी मे 13डिग्री 20 मिनट से 26डिग्री 40 मिनट तक
3)राशी स्वानी – मंगल ग्रह
4)नक्षत्र के विशोंतरी दशा स्वामी – शुक्र
5) नक्षत्र के पौराणिक देवता – यम देव(मृत्यु के देवता)
6) प्रतीक- योनि (महिला यौनांग)
7) वर्ण- क्षत्रिय
8)वश्य – चतुष्पद
9) गण- मानव
10) योनि – गज
11) योनिवैर – सिंह
12) रंग- रक्त लाल
13)वर्ण –ली, लू, ले, लो
14) नाडी- मध्य
15) शारीरिक बनावट – बड़ी सुंदर अर्थपूर्ण आँखें, बड़ा चेहरा, बड़े गर्दन, आकर्षक या मनमोहक मुस्कान
16) व्यवहार – प्रायोगिक (बनाते है,पोषण करते है फिर नष्ट करते है,) विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, विलासिता, ईर्ष्यालु, अपना नुकसान के संबध मे भावनात्मक, बहुमुखी प्रतिभा, आलोचक(अपनी भावना को वयक्त करने मे स्वयं पर कोई नियंत्रण नही होताहै।),बिना मतलब के समय को बर्बाद करनेवाले( क्योंकि वो ऩये नये प्रयोग करते रहते है),सही या गलत की अद्भुत परख, नैतिकता, अच्छे दिल वाले ।
17) पेशा -भरणी नक्षत्र के मंगल और शुक्र दोनो ग्रह के ग्रहीय प्रभाव मे होेता है इसलिए पेशा क्षेत्र में दोनों से प्रभावित होते है। मंगल शारीरिक क्षमता देता है और शुक्र खूबसूरती से प्रस्तुत करने की क्षमता, अतः गायन,नृत्य,अभिनय,चित्रकारी, सर्जन, प्रशासक के रूप में,प्रायोगिक नौकरियों, मास्टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, व्यापार,कानूनी कार्यकर्ता, लेकिन एेसा देखा जाता वै अपनी नौकरी बदलते रहते है।
18) सबसे विनाशकारी नक्षत्र- शतभिषा
19)विपत्त नक्षत्र – भरणी लिए यह चंद्रमा के द्वारा शासित नक्षत्र- रोहिणी हस्ता, श्रवणा
20) प्रत्यारी नक्षत्र (5 वीं नक्षत्र) – भरणी लिए यह राहु द्वारा शासित नक्षत्र – आद्रा, स्वाति, और शतभिषा
21) बाधा नक्षत्र (7वीं नक्षत्र) – भरणी के लिए यह शनि द्वारा शासित नक्षत्र -पुष्य, अनुराधा,उत्तरभद्रापद है
22) मित्र नक्षत्र – बुध और केतु शासित नक्षत्र – अश्विनी,अश्लेषा, माघा,ज्येष्ठा,मूला, रेवती
23) शेष नक्षत्र अच्छा और तटस्थ विचार किये जाते है।
24) भरणी 27नक्षत्र के द्वितीय नक्षत्र है।
25) भरनी सबसे चमकिला और 27नक्षत्र में सक्रिय प्रकृति का है।
26) भरनी एक संतुलित नक्षत्र है ।
27) भरनी एक स्त्रीलिंग नक्षत्र है।
28) भरनी पित्त दोष का संकेत देता है।
29) भरनी एक उग्र नक्षत्र है ।
30) गुण- तामसिक नक्षत्र
31) तत्व – भू तत्व
32) दिशा- पाताल(नीचे की) की तरफ