मृगशिरा नक्षत्र
1) 5 वीं नक्षत्र
2) अंग्रेजी नाम- Orionis
3)नक्षत्र स्थित – 23डिग्री 20मिनट वृष से 6डिग्री 40मिनट मिथुन राशी
4) राशि स्वामी – प्रथम 2पद मृगशिरा राशि स्वामी शुक्र है और अंतिम 2 पद राशी स्वामी बुध है।
5) विशोंतरी दशा स्वामी – मंगल
6) देवता – सोमदेव (चंद्र देव)
7) प्रतीक – हिरण के सिर/ शिकारी
8) जाति (वर्ण) – दास लेकिन कुण्डली मिलान में प्रथम 2पद वैश्य और अंतिम 2पद शूद्र के रूप में विचार किया जाता है।
9)वश्य – प्रथम 2पद चतुष्पद है और अंतिम 2पद मानव है।
10) गण – देव गण
11) योनि – सर्प
12)योनिवैर- नकुल
13) गुण – तामसिक (तमो)
14) नाडी- मध्य
15) दोष- पित्त
16) तत्व – भू तत्व
17) लिंग – नपुंसक
18) प्रकृति – मृदु
19) गतिविधि – सहनशील
20)प्रकृति – स्थिती
21) दिशा- किनारे से
22) रंग- चाँदी के रंग
23)वर्ण — वे, वो,का,की
24) सबसे सहज नक्षत्र – रोहणी
25) सबसे असहज नक्षत्र- उत्तराषाढ़ नक्षत्र
27) सबसे विनाशकारी नक्षत्र – रेवती
28) मित्र नक्षत्र – सूर्य और चंद्रमा के द्वारा शासित नक्षत्र – कृतिका, उत्तरफाल्गुणी, उत्तराषाढ़ा, रोहणी, हस्ता, श्रवणा
29)विपत्त नक्षत्र – गुरु द्वारा शासित नक्षत्र – पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वभाद्रपद
30)बाधा नक्षत्र – शुक्र द्वारा शासित नक्षत्र – पुर्वफाल्गुणी, पूर्वाषाढ़ा, भरणी
31)प्रत्यारी नक्षत्र – बुध द्वारा शासित नक्षत्र – अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती
32) शारीरिक बनावट — अच्छी लुक, लंबा, मजबूत शरीर
33)स्वाभव – मृग का प्रतीक यह दर्शाता है कि – सक्रिय, खोजी, हमेशा सतर्क आगामी खतरों के बारे में, नई चीजों को खोजने वाले ,ज्ञान की खोज का प्रयास करने वाले , शक्की प्रकृति, मुयायना करने वाले
प्रकृति मृदु है जो नरम वाणी का संकेत देता है , अच्छा वक्ता,जेंनटल मैन, साफ दिल,
अन्य व्यवहार – त्वरित कार्रवाई , तेज दिमाग, संवेदनशील, अशांत चित्त(मानसिक रूप से परेशानी), स्वार्थी,आराम नहीं करने वाले, बेचैंन, घबराहट प्रकृति वाले, तीक्ष्ण, रोमांटिक, सेक्सुअलि एक्टिभ
34)पेशा – लेखक, अनुसंधानकर्ता, वास्तुकार, प्रशासक, अभिनेता, संगीत, शिक्षक, कवि, ज्योतिषी, इंजीनियर्स, संचारक, रियल एस्टेट, यात्रा से संबंधित नौकरियों, कपड़ा, वस्त्र, दर्जी, पशु ट्रेनर।