July 2020

कुंडली के पंचम भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के पंचम भाव में लग्नेश का प्रभाव 1)कुंडली के पंचम भाव में लगने का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम प्रथम भाव और पंचम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) लग्नेश पंचम भाव में शुभ माना जाता है। पंचम भाव जातक के पूर्व जन्म के पुण्य का कारक भाव होता […]

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कुंडली के चतुर्थ भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के चतुर्थ भाव में लग्नेश का प्रभाव 1)कुंडली के चतुर्थ भाव में लग्नेश का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम प्रथम भाव और चतुर्थ भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2)चतुर्थ भाव जातक के सुख का कारक भाव होता है। जब लग्नेश चतुर्थ भाव में स्थित हो तब जातक को

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कुंडली के तृतीय भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में लग्नेश का प्रभाव 1)कुंडली के तृतीय भाव में लग्नेश का प्रभाव जानने से पहले हम प्रथम भाव और तृतीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) तृतीय भाव जातक की क्षमता और शक्ति का कारक होता है। अतः लग्नेश जब तृतीय भाव में स्थित हो तब

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कुंडली के द्वितीय भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के द्वितीय भाव में लग्नेश का प्रभाव 1)कुंडली के द्वितीय भाव में लग्नेश का प्रभाव जानने से पहले हम प्रथम भाव और द्वितीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) द्वितीय भाव धन भाव होता है। प्रथम भाव का स्वामी द्वितीय भाव में स्थित हो तब जातक धन के संदर्भ

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कुंडली के प्रथम भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के प्रथम भाव में लग्नेश का प्रभाव 1) कुंडली के प्रथम भाव में लग्नेश का प्रभाव जानने से पहले हम प्रथम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) प्रथम भाव को लग्न भाव के रूप में भी जाना जाता है और प्रथम भाव के स्वामी को लग्नेश करते हैं। कुंडली

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कुंडली के द्वादश भाव में केतु का प्रभाव

कुंडली के द्वादश भाव में केतु का प्रभाव 1)कुंडली के द्वादश भाव में केतु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम द्वादश भाव और केतु के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2)द्वादश भाव में स्थित केतु के कारण जातक को नेत्र से संबंधित समस्या संभावित होती है। द्वादश भाव में स्थित केतु

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कुंडली के एकादश भाव में केतु का प्रभाव

कुंडली के एकादश भाव में केतु का प्रभाव 1)कुंडली के एकादश भाव में केतु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम केतु और एकादश भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2)एकादश भाव एक उपचय भाव होता है। केतु एक पापी ग्रह है। ऐसी मान्यता है कि पापी ग्रह उपचय भाव में

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कुंडली के दशम भाव में केतु का प्रभाव

कुंडली के दशम भाव में केतु का प्रभाव 1)कुंडली के दशम भाव में केतु के प्रभाव को जानने के लिए सर्वप्रथम हम केतु और दशम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे 2) दशम भाव जातक के प्रोफेशन से संबंधित होता है। दशम भाव में स्थित केतु के कारण जातक का प्रोफेशन

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कुंडली के नवम भाव में केतु का प्रभाव

कुंडली के नवम भाव में केतु का प्रभाव 1) कुंडली के नवम भाव में केतु के प्रभाव को जानने के लिए सर्वप्रथम हम नवम भाव और केतु के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) नवम भाव को पिता का कारक भाव माना जाता है। केतु एक पापी ग्रह है, अतः नवम भाव

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कुंडली के अष्टम भाव में केतु का प्रभाव

कुंडली के अष्टम भाव में केतु का प्रभाव 1) कुंडली के अष्टम भाव में केतु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम केतु और अष्टम भाव का नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) अष्टम भाव में केतु के कारण जातक की आयु पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि केतु बुरी तरह पीड़ित

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