पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र अपराजिता नक्षत्र
1) 20 वीं नक्षत्र
2) अंग्रेजी नाम – डेल्टा Sagittarii
3)नक्षत्र स्थिती-13डिग्री 20मिनट से 26 डिग्री 40 मिनट धनु राशी मे
4) राशि स्वामी – गुरु
5)विशोंतरी दशा – स्वामी- शुक्र
6) देवता- अफा देवी ( जल की देवी)
7) प्रतीक – हस्त पंखा या हाथी दांत की आकृति
8) वर्ण- ब्राह्मण लेकिन कुण्डली में मिलान क्षत्रिय
9)वश्य – प्रथम पद द्विपद(मानव) है और पिछले 3पद चतुष्पद है
10) गण- मानव(मनुष्य)
11) योनि- वानर
12) योनि वैर – मेष
13) नाडी- मध्य
14) क्रियाएँ – संतुलित
15)प्रकृति- स्थिती
16) प्रकृति- उग्र
17) लिंग- स्त्री लिंग
18) दोष- पित्त
19) दिशा- नीचे की ओर
20) गुण – राजसिक (रजोगुण)
21) तत्व – वायु तत्व
22)वर्ण – भू, ध, फ, ढ़
23) इसको अपराजिता नक्षत्र रूप में जाना जाता है।
24) यह जलीय नक्षत्र के रूप में जाना जाता है।
25)सबसे विनाशकारी नक्षत्र – स्वाति
26) सबसे सहज नक्षत्र – श्रवणा
27) सबसे असहज नक्षत्र – कृतिका, पुष्य
28) विपत्त नक्षत्र – चंद्रमा द्वारा शासित नक्षत्र – श्रवणा,रोहणी, हस्ता
29)प्रत्यारी नक्षत्र – राहु द्वारा शासित नक्षत्र – आद्रा,शतभिषा, स्वाति
30)बाधा नक्षत्र – शनि शासित नक्षत्र -उत्तरभद्रापद, पुष्य, अनुराधा
31) मित्र नक्षत्र – बुध और केतु द्वारा शासित नक्षत्र – रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, माघा, ज्येष्ठा,मूला
32) व्यवहार – अपराजिता इस नक्षत्र का दूसरा नाम यह दर्शाता है कि वे किसी भी मामले में विजेताओं के गुण वाले होते हैं और किसी भी स्थिति में हार स्वीकार नहीं करने के संकेत देतेहै। इसके अलावा समस्या को हल करने की क्षमता होती है (लेकिन समान्यतः वे इस क्षमता का उपयोग दूसरों के मामलाें मे हस्तक्षेप करने और अन्यो की समस्या को हल करने की कोशिश करने मे करते है। ) वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले होते है। साथ मे अपने लक्ष्य को हासिल करने हेतु वे लम्बे समय तक धैर्य रखने की क्षमता होती है क्योकिं उनमे हारने की आदत नहीं होती है।
अफा देवी के कारण वे जलीय प्रकृति के गुण का समावेस होता है अतः वे छिपे हुए ,गुप्त, रहस्यमय, भावुुक रुप से आक्रामक और बेचैंन व्यवहार वाले होते है।
बृहस्पति राशि स्वामी है और शुक्र दशा स्वामी है अतः वे दयालु प्रकृति, मदद करने वाले, अपनी क्षमता को साबित करने को तर्क मे निपुण और आकर्षित व्यक्तित्व वाले,सत्यवक्ता,समाज में प्रसिद्ध ,पाखंड से नफरत करने वाले, अड़िग और दोस्ताना स्वभाव के होते है।
33)पेशा – दार्शनिक, लेखक, शिक्षक, विज्ञान, चिकित्सा, ललित कला, विवादकर्ताओं, वकील, पर्यटन उद्योग,राजनेता, शिंपिंग, नौकाविहार के रूप में पानी के साथ जुड़े पेशा।
जो भी लिखा हुआ है वह बिल्कुल सही है बहुत बढ़िया प्रेडिक्शंस है मैं इसके बारे में और भी जानना चाहता हूं कि दर्शन स्थान में अगर शुक्र राहु और केतु हो तो इस नक्षत्र में जन्मे हुए व्यक्ति का जीवन कैसा रहेगा शनि स्वग्रही हो सूर्य और बुध बारहवे स्थान में पड़े हो