तारा मिलान — कुण्डली मिलान भाग – 5

हम तारा मिलान क्यो करते है
कुण्डली मिलान भाग – 5
पिछले अंक मे हमने वश्य मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।
तारा मिलान अष्टकूट मिलान की तृतीय कूट मिलान है। तारा मिलान मे हम जातक और जातिका के जन्मनक्षत्र की आपस मे सहजता का मिलान करते है।
जैसा कि हम सभी जानते है जन्मकुंडली मे चंद्रमा जिस नक्षत्र विशेष मे अवस्थित होता है वह नक्षत्र विशेष जातक का जन्म नक्षत्र होता है। जातक के जन्म नक्षत्र का जीवन मे गहरा प्रभाव होता है। जातक के जन्म नक्षत्र व्यवहार, जीवन शैली, विशोंतरी दशा का संकेत देते है।
विवाह मे मानसिक व्यवहार का मिलना और एक दुसरे के प्रति सहज होना आवश्यक है। अन्यथा यह मानसिक तनाव और विवाह मे मानसिक प्रेम मे कमी लाता है।
अगले अंक मे हम तारा मिलान की विधी के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे ।

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