कुंडली के तृतीय भाव में सूर्य का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में सूर्य का प्रभाव


1) कुंडली के तृतीय भाव में सूर्य के प्रभाव को जानने से पहले हमें सूर्य और तृतीय भाव के कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।


2)तृतीय भाव जातक के छोटे भाई के बारे में शारीरिक और मानसिक क्षमता के बारे में और संवाद और कम्युनिकेशन कान के बारे में बताता है।


3)तृतीय भाव दुस्ःस्थान और उपचय भाव होता है। ऐसा माना जाता है कि नैसर्गिक पापी ग्रह तृतीय भाव में अच्छा फल देते हैं, अतः एक नैसर्गिक पापी ग्रह के रूप में सूर्य तृतीय भाव में अच्छा फल देगा।


4)तृतीय भाव शारीरिक और मानसिक क्षमता का कारक भाव है । सूर्य एक राजा के रूप में पावर और शक्ति का नैसर्गिक कारक ग्रह है, अतः सूर्य तृतीय भाव में जातक के शारीरिक और मानसिक क्षमता के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है। जातक शौर्यवान और बहादुर होगा। जातक के शारीरिक बनावट और उसके हड्डियों में मजबूती होगी। जातक अपनी क्षमता को दूसरों को दिखाएगा या अपनी क्षमता का दिखावा करेगा या अपनी मौजूदगी भर से वह दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होगा। जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेगा और किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करेगा । जातक प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकता है या कंपटीशन में सफलता प्राप्त कर सकता है।


5)सूर्य एक नैसर्गिक पापी ग्रह है सूर्य तृतीय भाव में भाइयों के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है। जातक के भाइयों को स्वास्थ्य से संबंधित समस्या हो सकती है ।जातक का अपने भाइयों के साथ इगो प्रॉब्लम हो सकती है या जातक अपने भाइयों से द्वेष रख सकता है। अगर सूर्य तृतीय भाव में उत्तम स्थिति में हो तो जातक की भाई प्रसिद्ध व्यक्ति हो सकते हैं और जातक को अपने भाइयों के कारण प्रसिद्धि प्राप्त हो सकती है।


6)सूर्य तृतीय भाव में जातक को प्रसिद्धि दे सकता है। जातक या तो प्रसिद्ध व्यक्ति होगा या उसके प्रसिद्ध व्यक्तियों से संबंध होंगे। जातक प्रसिद्ध व्यक्तियों से संबंध के कारण लाभ प्राप्त करेगा ।अगर जातक नौकरी में हो तो सूर्य अपनी दशा में प्रमोशन यात्रा की का कारक हो सकता है।


7)सूर्य तृतीय भाव में पिता के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। जातक के संबंध अपने पिता से अच्छे नहीं हो सकते हैं। अगर सूर्य तृतीय भाव में शुभ स्थिति में ना हो तब जातक के पिता को स्वास्थ्य से संबंधित शिकायत हो सकती है। अगर सुर्य उत्तम स्थिति में हो तो जातक के पिता प्रसिद्ध व्यक्ति हो सकते हैं और बुरे प्रभाव कम होंगे। तृतीय भाव में सूर्य माता के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है।


8)तृतीय भाव में सूर्य जातक को खुद की मेहनत पर सफलता दिलाता है। जातक अपने दम पर अच्छा धन कमाएगा और धनी व्यक्ति बनेगा। जातक आरामदेय जिंदगी व्यतीत करेगा।


9)तृतीय भाव में सूर्य के कारण जातक अपने समाज में आस-पड़ोस में और अपने मित्रों से सम्मान प्राप्त करेगा। जातक अपने दयालु और परोपकारी स्वभाव के कारण लोगों का सम्मान का प्राप्त होगा । जातक मध्यम दूरी की यात्राएं करेगा और मूलतः यह यात्रा तीर्थ स्थान सरकारी काम आधुनिक शहर और जंगली इलाकों में हो सकता है।


10) अगर सूर्य तृतीय भाव में पीड़ित हो तो जातक को कानो या गले से संबंधित समस्या परेशान कर सकती है । जातक को हाथों में चोट लग सकती है या हड्डियों में चोट लग सकती है।

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