कुंडली के प्रथम भाव में चंद्रमा का प्रभाव
1)कुंडली के प्रथम भाव में चंद्रमा का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम चंद्रमा और प्रथम भाव के कारक के भाव में बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा जातक के शारीरिक रूप रंग स्वास्थ्य और मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है।
3) प्रथम भाव स्थित चंद्रमा के कारण जातक छोटे कद का हो सकता है। उसका रूप रंग साफ और देखने में सुंदर हो सकता है । जातक थोड़ा सा हेल्थी शरीर वाला हो सकता है।
4) चंद्रमा जलीय प्रकृति का ग्रह है अतः प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को कफ और वात दोष दे सकता है। प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा के कारण जातक के शरीर में जल तत्व की अधिकता हो सकती है।
5) प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा यदि उत्तम स्थिति में हो तब जातक का स्वास्थ्य उत्तम होता है। यदि प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा बुरी स्थिति में हो तब या बुरे प्रभाव में हो तब जातक का स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
6) प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा यदि पीड़ित हो तो जातक को मानसिक परेशानी दे सकता है। जातक स्ट्रेस, टेंशन, डिप्रेशन या नकारात्मक चीजों के प्रभाव से पीड़ित रह सकता है। जातक नकारात्मक विचारों के कारण अपसेट रह सकता है।
7) चंद्रमा रक्त का कारक है यदि प्रथम भाव में चंद्रमा पीड़ित हो तब जातक को रक्त से संबंधित समस्या हो सकती है जैसे ब्लड प्रेशर इत्यादि।
8) चंद्रमा जातक के फेफड़ों का कारक है यदि प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा पीड़ित हो तब जातक फेफड़ों से संबंधित रोगों से पीड़ित रह सकता है। यदि बहुत ज्यादा पिड़ित ना हो तब जातक को साधारण कफ से संबंधित समस्या हो सकती है।
9) चंद्रमा जलिए तत्व का कारक ग्रह है। यह भावना का कारक ग्रह है, प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को मस्तिष्क से भावनात्मक और सेंसेटिव बनाता है । प्रथम भाव में चंद्रमा जातक को रोमांटिक और आनंददायक स्वभाव वाला बनाता है।
10) प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को अस्थिर मस्तिष्क वाला या अस्थिर स्वभाव वाला बनाता है। आरामदेय जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति हो सकता है। जातक आधुनिक लाइफ स्टाइल जीने वाला व्यक्ति हो सकता है। जातक सांसारिक सुखो की भोग में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हो सकता है।
11)चंद्रमा धाम नीति का कारक ग्रह है अतः प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को दाम नीति का इस्तेमाल करने में चतुर बनाता है। जातक किसी भी समस्या को लेकर ले दे कर निपटाने में विश्वास करने वाला हो सकता है। जातक किसी भी समस्या को व्यवहारिक रूप में समाधान निकालने में विश्वास करने वाला हो सकता है। जातक किसी भी विवाद में ना पड़कर झगड़ा या झंझट से दूर रहने वाला हो सकता है।
12) चंद्रमा को ग्रहों में रानी का दर्जा प्राप्त है अतः प्रथम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को नरम स्वभाव वाला या कोमल हृदय वाला बनाता है। जातक आदर प्राप्त करने वाला और दयालु प्रवृत्ति का हो सकता है। साथ ही जातक ईष्यालू प्रवृति का भी हो सकता है।
13) जातक घूमने या यात्रा करने का शौकीन व्यक्ति हो सकता है। जातक एक जगह से दूसरी जगह भटकने वाला व्यक्ति हो सकता है या वैसा स्वभाव वाला हो सकता है।
14) जातक धनी सकता शक्तिशाली और निडर प्रकृति का व्यक्ति हो सकता है। ऊपर वर्णित सभी फलित चंद्रमा के कुंडली में परिस्थिति पर निर्भर करेंगे