कुंडली के द्वादश भाव में चंद्रमा का प्रभाव

कुंडली के द्वादश भाव में चंद्रमा का प्रभाव


1)कुंडली के द्वादश भाव में चंद्रमा का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम चंद्रमा और द्वादश भाव के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।


2) कुंडली के द्वादश भाव में चंद्रमा के कारण जातक को उत्तम और सभी सुख-सुविधाओं से पूर्ण घर की प्राप्ति होती है। जातक उत्तम और आकर्षक शारीरिक व्यक्तित्व का मालिक होता है। जातक बोलने में कुशल होता है। जातक का आत्मसम्मान अच्छा होता है। जातक दयालु और भावुक होता है।


3)चंद्रमा नेत्र ज्योति का कारक होता है और द्वादश भाव में स्थित चंद्रमा जातक को आंखों से संबंधित समस्या दे सकता है।


4) द्वादश भाव व्यय भाव है अतः द्वादश भाव में स्थित चंद्रमा जातक को अत्यधिक खर्च करने वाला और विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति बनाता है।


5) चंद्रमा मन का कारक ग्रह है, अतः द्वादश भाव में स्थित चंद्रमा जातक को मानसिक परेशानी देता है। जातक संकुचित विचार वाला हो सकता है। जातक अकेला जीवन व्यतीत करने वाला हो सकता है। जातक निम्न कोटी का विचार रखने वाला व्यक्ति हो सकता है। जातक अत्यधिक भावना वाला व्यक्ति होगा।


6) द्वादश भाव विदेश यात्रा से संबंधित होता है जब चंद्रमा द्वादश भाव में अवस्थित हो तब यह विदेश यात्रा का सहयोग बनाता है क्योंकि चंद्रमा यात्रा का कारक ग्रह है । साथ ही हम यह बोल सकते हैं कि जातक अपने जन्म स्थान से दूर सफलता प्राप्त करेगा। जातक विदेश से सहायता प्राप्त करेगा।


7) चंद्रमा रुप का कारक ग्रह है, जब चंद्रमा द्वादश भाव में स्थित हो तब जातक रूपवान होगा। लेकिन द्वादश भाव स्थित चंद्रमा जातक के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। अगर द्वादश भाव में चंद्रमा पीड़ित हो तब जातक अंग भंग से पीड़ित हो सकता है।


8) बारहवें भाव में स्थित चंद्रमा जातक को अपमानजनक स्थिति का सामना करवा सकता है। दूसरे व्यक्ति द्वारा जातक अपमानित हो सकता है या दूसरों के द्वारा जातक छल प्राप्त करेगा। जातक जिसकी सहायता करेगा वही व्यक्ति जातक को छल या नुकसान प्राप्त नुकसान पहुंचाने का प्रयास करें करेगा।


9) द्वादश भाव कुंडली का मोक्ष स्थान माना जाता है। द्वादश भाव में स्थित चंद्रमा जातक को आध्यात्मिक और धार्मिक विचारों वाला बनाता है। जातक धार्मिक यात्रा पर भ्रमण कर सकता है। खासकर वैसे तीर्थ स्थान पवित्र नदियों के किनारे अवस्थित हो।


10) द्वादश भाव में स्थित चंद्रमा जातक को आनंद प्राप्ति के साधन की ओर स्वाभाविक रूप से झुकाव देने वाला होता है अतः जातक विषय वासना में लिप्त हो सकता है। जातक शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति हो सकता है।

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