कुंडली के छठे भाव में मंगल का प्रभाव
1) कुंडली के छठे भाव में मंगल का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम मंगल और छठे भाव के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) छठे भाव में स्थित मंगल शुभ माना जाता है क्योंकि यह कुंडली को एक नैसर्गिक बल देता है । जातक बहादुर और शारीरिक क्षमता में उत्तम होगा। जातक ऊर्जावान और कार्य करने में अग्रणी होगा। जातक झगड़ालू या तर्क करने वाला व्यक्ति हो सकता है।
3)छठा भाव शत्रु का भाव माना जाता है। यदि मंगल छठे भाव में हो तब जातक अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करता है। जातक अपने सारे कंपटीशन और प्रतिपक्षी व्यक्ति को नष्ट कर देने की क्षमता रखता है । पौराणिक शास्त्रों के अनुसार छठे भाव में स्थित मंगल जातक को राजा बनाने की क्षमता रखता है। वर्तमान समय में यह जातक को पावर पोजीशन और शासन की क्षमता दिलाने में सक्षम है।
4) छठा भाव का भाव होता है, यदि मंगल छठे भाव में उत्तम स्थिति में हो तब जातक किसी भी प्रकार के रोग से मुक्त जीवन जीता है । जातक का जठराग्नि बहुत ही उत्तम होती है, इस जठराग्नि के कारण जातक के पाचन की शक्ति उत्तम होती है। अगर मंगल छठे भाव में पीड़ित हो तब यह जातक को एक्सीडेंट या भिन्न प्रकार के रोग दे सकता है। जातक रक्त से संबंधित समस्या से पीड़ित रह सकता है । जातक अत्यधिक गुस्से वाला व्यक्ति हो सकता है जिसके कारण उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो सकता है। जातक को स्किन से संबंधित समस्या हो सकती है जातक के दांतों में प्रॉब्लम हो सकती है।
5) छठे भाव को ऋण से संबंधित माना जाता है, अतः उत्तम स्थिति में स्थित मंगल जातक को ऋण मुक्त जीवन देता है। जातक के धन प्रबंधन की क्षमता बहुत ही उत्तम होती है। यदि मंगल छठे भाव में पीड़ित हो तब जातक फाइनेंसियल समस्या का सामना कर सकता है। जातक को अपने ऋण को चुकाने में समस्या होती है।
6) छठे भाव में स्थित मंगल जातक को लीगल समस्या दे सकता है, खासकर यदि यह मंगल शनि के संपर्क में हो या शनि से पीड़ित हो। जातक को अपने भाइयों से कानूनी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जातक को प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में कानूनी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
7) छठा भाव में स्थित मंगल लग्न पर अपनी पूर्ण दृष्टि डालता है, ऐसा माना जाता है कि जातक की शारीरिक बनावट मजबूत और ऊंचाई में लंबे कद हो सकता है। जातक को सारे प्रकार की संसारिक सुख का आनंद मिलता है। जातक रियल स्टेट से संबंधित फर्म में नौकरी कर सकता है।
8) जातक एंजायटी या सेक्स से संबंधित समस्या से पीड़ित रह सकता है जातक अपने अंडर काम करने वाले इंप्लाइज से परेशान रह सकता है जातक के अपने नौकरों से विवाद या मतभेद रह सकते हैं।