कुंडली के प्रथम भाव में बुध का प्रभाव
1) कुंडली के प्रथम भाव में बुध का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम प्रथम भाव और बुध के कारक के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) प्रथम भाव में स्थित बुध जातक को सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी बनाता है। जातक के त्वचा पर नैसर्गिक चमक होगी। जातक मध्यम कद का व्यक्ति हो सकता है। जातक अपनी से कम उम्र का व्यक्ति प्रतीत होगा । बुध को ग्रहों में युवराज की उपाधि प्राप्त है, अतः जातक प्रिंस के समान व्यक्तित्व वाला हो सकता है। जातक परफेक्ट बॉडी शारीरिक बनावट वाला व्यक्ति होगा।
3) प्रथम भाव में स्थित बुध जातक को उत्तम स्वास्थ्य देता है। लेकिन यदि प्रथम भाव में स्थित बुध पीड़ित हो, तब जातक को त्वचा से संबंधित रोग हो सकते हैं। जातक को नसों से संबंधित समस्या हो सकती है। जातक मानसिक परेशानी से ग्रसित हो सकता है। बुध साम दोष का कारक है, अतः जातक मिश्रित रोगों से पीड़ित होगा। परंतु हमें यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उत्तम स्थिति का बुध जातक को उत्तम स्वास्थ्य देता है। उत्तम स्थिति में प्रथम भाव में स्थित बुध जातक को दीर्घायु बनाता है।
4) बुध को वाणी का कारक ग्रह माना जाता है। प्रथम भाव में स्थित बुध के कारण जातक उत्तम और नरम वाणी वाला व्यक्ति होगा। जातक उत्तम वक्ता हो सकता है। साथ ही वह विचारों को अभिव्यक्त करने में माहिर होगा। जातक तीव्र गति से प्रत्युत्तर देने वाला व्यक्ति होगा।
5) प्रथम भाव में स्थित बुध जातक को बुद्धिमान बनाता है। जातक में उत्तम सीखने की क्षमता होगी। जातक कुशल होगा। जातक गणित में माहिर हो सकता है । साथ ही वह ट्रिक और ट्रिकी एक्ट में माहिर हो सकता है।
6) जातक वेद वेदांग में निपुण होगा। आज के परिपेक्ष में हम कह सकते हैं कि जातक की शिक्षा उच्च क्वालिटी की होगी और वह उच्चतम शिक्षा को प्राप्त करेगा।
7) प्रथम भाव में स्थित बुध के कारण जातक की ओरल नॉलेज बहुत ही अच्छी होगी और वह ओरल शिक्षा में बहुत ही निपुण होगा। अतः जातक कविता पाठ या भाषण में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
8)प्रथम भाव में स्थित बुध के कारण जातक की मानसिक शक्ति उत्तम होती है। अतः जातक एक साथ बहुत सारे कार्यों को करने में सक्षम होगा या हम कह सकते हैं जातक की मल्टीटास्किंग क्वालिटी बहुत ही अच्छी होगी।