कुंडली के पंचम भाव में बुध का प्रभाव

कुंडली के पंचम भाव में बुध का प्रभाव


1) कुंडली के पंचम भाव में बुध का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम पंचम भाव और बुध के कारक के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।


2) पंचम भाव संतान का भाव होता है और यदि बुध उत्तम स्थिति में पंचम भाव में स्थित हो तब यह संतान के लिए उत्तम मानी जाती है। जातक को अनेक कई पुत्र होंगे। जातक को अपने संतान का सुख मिलेगा। जातक के संतान देखने में सुंदर और अच्छे स्वभाव के होंगे।


3) पंचम भाव में स्थित बुध जातक को हंसमुख स्वभाव का बनाता है। जातक स्वयं खुश रहेगा और दूसरों को भी खुश रखने का प्रयास करेगा। जातक कि बोलने की क्षमता अच्छी होगी। जातक एक अच्छा कॉमेडियन गायक स्पीकर या कभी हो सकता है।


4) पंचम भाव ज्ञान और बुद्धिमता का भाव होता है। पंचम भाव में स्थित बुध जातक को बुद्धिमान बनाता है। जातक विद्वान और उसकी सीखने की क्षमता अच्छी होगी। जातक को उत्तम शिक्षा प्राप्त होगी।

5) पंचम भाव मंत्र शक्ति से संबंधित होता है और बुध जातक को उत्तम वक्ता बनाता है। उत्तम स्थिति में स्थित बुध जातक को मंत्र उच्चारण में निपुण बनाता है । जातक एक अच्छा मांत्रिक हो सकता है।


6) पंचम भाव सट्टा से संबंधित होता है, बुध ट्रिक का कारक ग्रह है। पंचम भाव में स्थित बुध जातक को सट्टा से लाभ दिला सकता है या जातक शेयर मार्केट और इस तरह के कार्यों में लाभ कमा सकता है।


7) पंचम भाव विद्या का कारक भाव है। बुध बुद्धिमता का कारक ग्रह है। पंचम भाव में स्थित बुध जातक को किसी कार्य में निपुण बनाता है। जातक ‌एक अच्छा ज्योतिषी या बुद्धि से संबंधित कार्यों में एक्सपर्ट हो सकता है।


8) पंचम हाउस सलाह से संबंधित होता है। बुध एक अच्छा वक्ता बनाता है। पंचम भाव में स्थित बुध जातक को एक अच्छा सलाहकार, वक्ता मंत्री, डिप्लोमेट या सेक्रेटरी बना सकता है। जातक एक अच्छा या मैथमेटिशियन भी हो सकता है।

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