राहु देव कल्पना लोक के स्वामी

               राहु देव

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1) स्थिति -असुर

2)राशी स्वामी- किसी भी राशि का स्वामी नही है।लेकिन वह खुद की दशा मे भाव स्वामी की तरह व्यवहार करता है। राहु को छद्म ग्रह माना जाता है।

3)दृष्टि – 5th और 9th भाव स्वयं से

4) उच्च राशी – वृष  राशि (या मिथुन राशी)

5) नीच राशी – वृश्चिक राशि( या धनु राशी),

6) मूलत्रिकोना राशी- कन्या राशी , अपना घर – कुम्भ राशी

7) मित्रता- शनि के समान क्याेंकि राहु शनि के समान व्यवहार करता है। राहु का मुख्य शत्रु चंद्रमा और सूर्य है ।

8) दिवस -अमावस्या और शनिवार को

9 ) प्रकृति- कार्बनिक पदार्थ, खनिज

10)वर्ण -मल्लेचछ

11)वश्य – बहुपद

12) दिशा -दक्षिण पश्चिम दिशा

13) दूरी- लंबी दूरी में श्रेणी- शास्त्रीय 20 योजन

14) आकार- रेखा

15)कद -लंबा

16)झलक -नीचे की और

17) प्रकृति- स्वाभाविक रूप क्रूर

18)उदयविधी – सिरसोदय

19) गुण – तामसिक (तमो)गुण

20)लिंग – स्त्री (महिला)

21) रंग- काला

22) धातु- सीसा और रत्न – गोमेद

23)संगत -राहु विधवा और तलाकशुदा  साथी का संगत देता है।

24)स्वाभव – विस्फोटक, गुप्त, छद्म,अफवाह, कल्पना शक्ति, असमाजिक, छलिया, मिलनसार(अपना मतलब का यार)

25)आयु – परिपक्वता उम्र – 48 वर्ष , 
      व्यक्तिगत आयु – बुजुर्ग आयु 
      आयु अवधि – 69 से 108 वर्ष

26)स्थान – विदेशी भूमि, मादक जगह, धोखाधड़ी वाली जगह, अवैध गतिविधियों वाली जगह, शनि से संबंधित स्थान

27)मनोविज्ञान – काल्पनिक ,स्मार्ट,अफवाहबाज, गुप्त, छल,अंदरूणि जानकारी, स्वछन्दता , बरहरूपिया, अस्थिर चित्त वाला, अनिश्चितता, भागने वाला, शराबी, लत या आदत,

28) पेशा – शनि के समान , विदेशी नौकरिया, आप्रवासन नौकरियों के रूप में, शराब से संबंधित नौकरियां, मादक पदार्थों से संबंधित नौकरिया, कल्पनासील नौकरियों, ज्योतिष, करतब दिखाने, धोखाधड़ी वाली नौकरी, सर्जन, संचार नौकरियों, मीडिया, फिल्म, मॉडलिंग

29) रोग – अंदरूणि शरीर के रोग, हिस्टीरिया, पागलपन, मिर्गी, त्वचा रोग, विष के कारण सभी प्रकार से उत्पन्न रोग

30) संबधि -राहु नाना – नानी

31) राहु कालपुरुष का अंदरुणि मुख है।

32) राहु  असुर का सिर है जो सभी दिशाओं मे घुमता है।

33) राहु मोह माया निर्माता के रूप में विचार करते है।

34)राहु कुशल और मीठा वक्ता है जो अपनी वाणी से सामने वाले को छलने की क्षमता रखता है। झूठ की सारी हदें पार कर देगा पर सामने वाले को उसकी असत्यता का पता नही चलेगा। साधरण बोलचाल की भाषा मे बंडलवाज है।

35) राहु  भौतिकवादी दुनिया के प्रति लगाव देता है।

36) राहु किसी भी बात की अंतर्दृष्टि  देखने के लिए शक्ति देता है, तो यह दुनिया से छिपे हुए राज  खोज करने के लिए शक्ति देता है।

37) राहु की दंड विधि मीठा जहर की तरह है जो बहुत खतरनाक है। राहु अचानक और बिना दर्द के दंड देते है।

38) दसावतार – वराह अवतार

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