कुंडली के एकादश भाव में षष्ठेश का प्रभाव
1)कुंडली के एकादश भाव में षष्ठेश इसका प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम छठे भाव और एकादश भाव के नैसर्गिक कार्य के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। छठा भाव का स्वामी स्वयं के भाव से छठे स्थान में स्थित है, अतः प्रथम भाव के स्वामी का छठे भाव में क्या फल होता है, हम इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) एकादश भाव छठा भाव से छठा स्थान है अतः भावत भावम सूत्र के अनुसार छठा भाव को नैसर्गिक बल की प्राप्ति होगी। साथ ही छठा भाव और एकादश भाव दोनों भाव उपचय भाव है, अतः छठा भाव का स्वामी एकादश स्थान में स्थित हो तो छठा भाव के नैसर्गिक कारक में वृद्धि होती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब छठे भाव के नैसर्गिक कारकों में वृद्धि होती है जो कि जातक के लिए शुभ नहीं मानी जा सकती है। परंतु एकादश भाव के कारक की हानि होती है क्योंकि छठा भाव एकादश भाव से अष्टम भाव है।
3)छठे भाव शत्रु स्थान से संबंधित होता है। एकादश भाव लाभ स्थान से संबंधित होता है। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब जातक अपने शत्रु से लाभ अर्जित करता है। जातक अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करता है। जातक अपने शत्रुओं वह बुरी तरह कुचल देता है। लेकिन एकादश और सप्तम भाव एक दूसरे से षडाष्टक भी हैं। अतः इस कारण जातक अपने शत्रु को परेशान भी रहता है और जातक के अनेक शत्रु होते हैं। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में पीड़ित हो तब जातक को अपने शत्रुओं से हानि की संभावना होती है। जातक अपने शत्रु के कारण विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करता है।
4) छठा भाव का स्वामी एकादश स्थान में स्थित हो तब जातक अपनी वाणी से लोगों को आकर्षित करने में सक्षम होता है। जातक के वाणी में नेतृत्व का गुण होता है। जातक की समाज में अच्छी मान और प्रतिष्ठा होती है। जातक अपने अच्छे गुणों के कारण समाज में प्रतिष्ठित होता है।
5)यदि छठा भाव का स्वामी एकादश स्थान में स्थित हो तब जातक का जीवन के प्रति भौतिकवादी एप्रोच होता है। छठा भाव अर्थ त्रिकोण होता है और एकादश भाव काम त्रिकोण या लाभ स्थान होता है। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश स्थान में स्थित हो तब जातक लाभ कमाने के लिए कि कोई भी तरीका अपना सकता है। जातक धनी और समृद्ध होगा। जातक पैसों के लिए किसी भी प्रकार के कार्य करने हिचक नहीं करेगा।
6)छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब जातक की मानसिकता क्रूर होती है। जातक जरा भी ऊंच-नीच बर्दाश्त नहीं करता है। जातक लड़ाई झगड़े और तर्क वितर्क को तुरंत तैयार हो जाता है। जातक की भौतिकवादी अप्रोच के कारण जातक अपने प्रति किए गए उपकारों का मान नहीं रखता है।
7)एकादश भाव बड़े भाई का कारक होता है। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब यह बड़े भाव के लिए शुभ नहीं माना जाता है। जातक का बड़ा भाई स्वास्थ्य से संबंधित समस्या से पीड़ित रह सकता है। जातक अपने बड़े भाई से लाभ प्राप्त करता है। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में शुभ स्थिति में हो तब जातक का बड़ा भाई कानून से जुड़े प्रोफेशन में हो सकता है। जातक का बड़ा भाई जज या जुडिशरी सिस्टम का कोई बड़ा ऑफिसर हो सकता है।
8)छठा भाव का स्वामी एकादश स्थान में स्थित हो तो जातक को संतान से संबंधित समस्या हो सकती है। जातक को संतान होने में विलंब हो सकता है या किसी प्रकार की परेशानी हो सकती है। जातक के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी यह शुभ नहीं माना जा सकता है।
9)छठा भाव मामा जी से संबंधित होता है। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तो जातक अपने मामा से लाभ प्राप्त करता है।
10)यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में शुभ स्थिति में ना हो और एकादश भाव कमजोर हो तब जातक दुर्भाग्य और स्वास्थ्य से संबंधित समस्या से पीड़ित रह सकता है। जातक लाइलाज बीमारी से ग्रसित रह सकता है। जातक को अपने प्रोफेशनल लाइफ में हानि उठाना पड़ सकता है। जातक गरीबी से पीड़ित रह सकता है।
11)यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव के स्वामी के साथ एकादश भाव में स्थित हो और शुभ स्थिति में हो तब जातक अपने सारे शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है। जातक अपने सारे उद्यम में सफलता प्राप्त करता है। जातक के मामा धनी और समृद्ध व्यक्ति हो सकते हैं। यदि छठा भाव का स्वामी एकादश भाव में पीड़ित हो तब जातक अपने प्रोफेशनल लाइफ में अच्छी सफलता नहीं प्राप्त करता है। जातक की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी नहीं होती है और जातक विभिन्न प्रकार के बीमारियों से ग्रसित रह सकता है। जातक मे धैर्य की कमी होती है।