कुण्डली मिलान

कुण्डली मिलान मे दोष समाप्ति

          कुण्डली के दोष समाप्ति           कुण्डली मिलान भाग 13 1) नाड़ी दोष की समाप्ति नाड़ी मिलान को कुण्डली मिलान मे सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। नाडी दोष को निम्नलिखित परिस्थिती मे समाप्त माना जाता है कहा जाता है, क)जन्मनक्षत्र एक हो पर नक्षत्र पद/चरण भिन्न हो ख)जन्मराशी एक हो पर जन्मनक्षत्र भिन्न हो […]

कुण्डली मिलान मे दोष समाप्ति Read More »

नाड़ी मिलान कुण्डली मिलान भाग 12

नाड़ी मिलान     कुण्डली मिलान भाग 12 पिछले अंक मे हमने भूकूट मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। नाडी मिलान कुण्डली मिलान की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण मिलान माना जाता है।इसे कुण्डली मिलान मे 8अंक आवंटित किया जाता है।संतान उत्पत्ति और स्वास्थ्य इस मिलान का मुख्य उद्देश्य है। यह माना जाता है कि एक

नाड़ी मिलान कुण्डली मिलान भाग 12 Read More »

भूूकुट मिलान कुण्डली मिलान भाग 11

             भूकूट मिलान     कुण्डली मिलान भाग – 11 पिछले अंक मे हमने गण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। चंद्रमा जन्मसमय जिस खास राशी मे हो उसे भूकुट कहते है अर्थात जन्म राशी जातक/जातिका के भूकुट को बताते है। भूकूट मिलान की विधी भूकूट गुण मिलान को 7अंक आवंटित किया गया है। भूकुट

भूूकुट मिलान कुण्डली मिलान भाग 11 Read More »

गण मिलान कुण्डली मिलान भाग – 10

              गण गुण मिलान           कुण्डली मिलान भाग – 10 पिछले अंक मे हमने ग्रह मेेैत्री मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। गण मिलान को कुण्डली मिलान 6 अंक आवंटित किया जाता है। गण मिलान एक दूसरे के स्वभाव और व्यावहारिक चरित्र मिलान के लिए किया जाता है। मेरा मतलब एक – दूसरे के

गण मिलान कुण्डली मिलान भाग – 10 Read More »

ग्रह मैत्री मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 9

               ग्रह मैत्री गुण मिलान            कुण्डली मिलान भाग – 9 पिछले अंक मे हमने योनि मिलान की विधी की जानकारी प्राप्त की। ग्रह मेेैत्री गुण मिलान मे हम ग्रहो की प्राकृतिक मित्रता का मिलान करते है।चंद्रमा जब राशी विशेष मे हो तो उस राशी के स्वामी का चंद्रमा पर विशेष प्रभाव होता है।और जातक

ग्रह मैत्री मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 9 Read More »

योनि मिलान विधी – कुण्डली मिलान भाग 8

              योनि मिलान विधी            कुण्डली मिलान भाग 8 पिछले अंक मे हमने योनि मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। योनि गुण मिलान  को कुल 4अंक आवंटित किया जाता है। योनि मिलान में हम  5भाग में विभाजित करते है। और नीचे दिये गये सारणी के अनुसार अंक आंवटित करते है। 1)समान योनि – वर

योनि मिलान विधी – कुण्डली मिलान भाग 8 Read More »

योनि मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 7

                योनि मिलान         कुण्डली मिलान भाग – 7 पिछले अंक मे हमने तारा मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। कुण्डली में हम योनि मिलान शारीरिक संबधो मे सहजता के संतुलन के लिए करते है। विवाह मे एक दुसरे के प्रति शारीरिक व्यवहार का संतुलन महत्वपूर्ण है। योनि मिलान द्वारा हम वैवाहिक संतुष्टी

योनि मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 7 Read More »

तारा मिलान की विधी – कुण्डली मिलान भाग – 6

कुण्डली मिलान भाग – 6 तारा मिलान विधी पिछले अंक मे हमने तारा मिलान के कारण की जानकारी प्राप्त की। जन्म नक्षत्र से गिनती करने पर 1st नक्षत्र जन्म तारा कहा जाता है 2nd नक्षत्र संपत तारा कहा जाता है 3rd नक्षत्र विपत्त तारा कहा जाता है 4thनक्षत्र क्षेम तारा कहा जाता है 5th नक्षत्र

तारा मिलान की विधी – कुण्डली मिलान भाग – 6 Read More »

तारा मिलान — कुण्डली मिलान भाग – 5

हम तारा मिलान क्यो करते है कुण्डली मिलान भाग – 5 पिछले अंक मे हमने वश्य मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। तारा मिलान अष्टकूट मिलान की तृतीय कूट मिलान है। तारा मिलान मे हम जातक और जातिका के जन्मनक्षत्र की आपस मे सहजता का मिलान करते है। जैसा कि हम सभी जानते है

तारा मिलान — कुण्डली मिलान भाग – 5 Read More »

वश्य गुण मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 4

      कुण्डली मिलान  भाग – 4              वश्य गुण मिलान पिछले अंक मे हमने वर्ण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।वर्ण मिलान के बारे मे जानकारी को लिए लिंक पर क्लिक करे । कुण्डली मिलान की द्वितीय कूट गुना मिलान है वश्य मिलान । वश्य मिलान को 36 अंक मे से 2अंक आंवटित है।

वश्य गुण मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 4 Read More »